स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री का भाषण स्वतंत्रता की अलख जगा देने के लिए काफी होता है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने पूरे देश को संबोधित किया। संबोधन के दौरान उन्होंने ना सिर्फ सरकार की उपलब्धियां बतायीं जबकि हमारी परम्परा को भी दोहराया। पाकिस्तान के पेशावर से लेकर, बलूचिस्तान और कश्मीर मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के योगदान को भी याद किया।
पढ़िए प्रधानमंत्री का पूरा भाषण-
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि शासन को संवेदनशील व जिम्मेवार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले एक मिनट में दो हजार रेल टिकट बनते थे, आज 15 हजार टिकट बनते हैं। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट निर्माण व आयकर में हमने सुधार किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने 2015-16 में 1.75 करोड़ पासपोर्ट इश्यू किया। उन्होंने कहा कि पहले पासपोर्ट के लिए लोगों को परेशान रहना पड़ता था, आज यह हफ्ते-दो हफ्ते में मिल जाता है। मोदी ने कहा कि हमने ग्रुप सी व ग्रुप डी के नौ हजार पदों से इंटरव्यू को खत्म कर दिया और नौकरी मैरिट के आधार पर देने का निर्णय लिया है। इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने ग्रामीण सड़क निर्माण में प्रतिदिन के हिसाब से हिसाब किया है। उन्होंने कहा कि हमने रिनूवल इनर्जी में 40 प्रतिशत इजाफा किया है। पहले की सरकार ने चार करोड़ लोगों को आधार से जोड़ा था, हमने 70 करोड़ लोगों को आधार से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि हमने 60 सप्ताह में चार करोड़ लोगों गैस कनेक्शन दिया, पहले 60 साल में 16 करोड़ लोगों को गैसे कनेक्शन मिला था।
उन्होंने कहा कि हमने कानून रद्द करने का फैसला लिया। 1700 कानून को हमने खोजा और उसे रद्द करने की दिशा में कदम बढ़ाया। कुछ का संसद से रद्द कराया व राज्यों को रद्द करने को कहा। उन्होंने कहा कि निराशा हमारा मिजाज बनता जा रहा है, इसे तोड़ने का काम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 करोड़ लोगों को जनधन योजना से जोड़ा। यह बहुत मुश्किल काम लग रहा था। उन्होंने कहा कि एक करोड़ नये शौचालय हमने बनाया। पिछले साल इसी लालकिला के प्राचीर से हमने कहा था कि 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचायेंगे, उन्हें हमने एक हजार दिन में बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया था, जिसमें अबतक 10 हजार गांवों में हमने बिजली पहुंचा दी है।
हाथरस के नजला खटेरा गांव दिल्ली से पहुंचने में तीन घंटे लगते हैं, लेकिन वहां बिजली पहुंचने में 70 साल लग गये। उन्होंने कहा कि हम 350 रुपये में मिलने वाले बल्ब को 50 रुपये में बांट रहे हैं। अबतक 13 करोड़ बल्ब हमने बांटा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 70 करोड़ बल्ब बांटने का हमारा संकल्प है। उन्होंने लोगों से एलइडी बल्ब लगाने व घर में ऊर्जा बचाने की अपील की। कहा कि इससे 20 हजार मेगावाट बिजली बचेगी।
उन्होंने कहा कि कतर के साथ हमारा गैस का एग्रीमेंट 2024 तक का है, लेकिन यह महंगा पड़ता था। हमने उस देश से फिर से बात की और गैस के दाम कम करवाये और देश के 20 हजार करोड़ रुपये बचाये।
उन्होंने कहा कि चाहबहार बंदरगाह की बात हर सरकार में होती थी, उसे हमने पूरा किया। उन्होंने कहा कि हमने छह प्रतिशत से बाहर महंगाई दर को नहीं जाने दिया और रिजर्व बैंक से करार किया है कि वह चार प्रतिशत प्लस-माइनस दो प्रतिशत रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां दाल की कमी थी, हमने किसानों को प्रोत्साहित किया और वे दाल की बोआई-खेती में आगे आये हैं। उन्होंने कहा कि हम चीजों को टुकड़ों में नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि हमने धरती माता का स्वास्थ्य ठीक करने का फैसला लिया। स्वायल हेल्थ चेकअप, जल संचय, पर ड्राप, मोर क्रॉप की नीति अपनायी। उन्होंने कहा कि बंद सुस्त पड़ी सिंचाई योजना को हमने शुरू किया। इससे 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हम तक हमने 77 हजार सोलर पंप बांटने में सफलता पायी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने 131 प्रकार के नये बीच तैयार किये हैं, जिससे उत्पादन बढ़ेगा। इसके लिए मैं किसानों को बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सबसे अधिक खाद के उत्पादन में सफल हुए हैं। इसी प्रकार फसल बीमा योजना बनायी है। हमने पहली बार कम से कम प्रीमियम पर अधिक से अधिक व गारंटी के साथ फसल बीमा देने का फैसला किया है। हमने 15 लाख टन अनाज के भंडारण के लिए गोदामों का निर्माण किया है। हमने फूड संस्करण में 100 प्रतिशत एफडीआइ को प्रोत्साहित किया है।
उन्होंने कहा कि रेल परियोजना की मंजूरी की काम में हमने तेजी लायी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब नीति साफ हो, नीयत स्पष्ट हो, तो निर्णय करने का जज्बा भी कुछ और होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गन्ना किसानों का बकाया बड़ा मुद्दा था। उत्तर प्रदेश के अखबारों में उनके बारे में आप पढ़ते होंगे। हमने 99.5 प्रतिशत गन्ना किसानों का बकाया चुका दिया।
उन्होंने कहा कि डाकघरों को हमने डाक बैंक में बदला। डाक घर को पेमेंट बैंक में बदला। डाकिया जो समाज का अहम हिस्सा है, उसकी भूमिका बदली। उन्होंने कहा कि पहली बार हमने बीएसएनएल को व शिपिंग कॉरपोरेशन को लाभ में लाया। उन्होंने कहा कि बिजली घरों को हमने कोयला आपूर्ति की सुचारु व्यवस्था करायी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी की व्यवस्था आनलाइन की। इससे देश का खजाना बढ़ा व पारदर्शिता आयी। पीएम ने कहा कि आज दुनिया के देश परस्पर निर्भर हैं और एक दूसरे से जुड़े हैं। इसलिए हमें वैश्विक कसौटी पर खरा उतरना होगा। हमें वैश्विक मानकों से तालमेल बनाना होगा। पिछले दिनों आपने देखा होगा कि तमाम वैश्विक आर्थिक संस्थाओं ने भारत क प्रगति को सराहा। इज एंड डूइंग बिजनेस में देश का रैंक सुधारा। यूएन ने अनुमान लगाया है कि आज भारत की इकोनॉमी दसवें नंबर पर है और दो साल में यह तीसरे नंबर पर आ जायेगा। पीएम ने कहा वैश्विक अर्थव्यवस्था में विभिन्ना मानकों के आधार पर रैंकिंग होती है, भारत इसमें 18 अंक ऊपर आया है।
उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना की चर्चा की और कहा कि घर में एक भी महिला शिक्षित होगी तो परिवार बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि सुकन्या योजना से हमने परिवारों को जोड़ा। पीएम ने कहा सूत बनाने वालों को 100 रुपये मिलता था, उसे हमने 190 रुपये कर दिया। सिल्क का काम करने वालों का 50 रुपये प्रतिमीटर के हिसाब से बढ़ा दिया जो उसके खाते में आधार के जरिये जायेगा न कि बिचौलियों को। मातृत्व अवकाश हमने 26 सप्ताह किया। मुद्रा योजना का लाभ युवाओं को दिया। इसका लाभ एससी-एसटी युवाओं को भी दिलाया।
उन्होंने कहा कि रामनुजाचार्य जी की हमने एक हजारवीं जयंती मना रहे हैं। वे कहते थे कि किसी व्यक्ति का अनादर नहीं करो। अनाचार नहीं करो। बुद्ध, गांधी, आंबेडकर सामाजिक एकता की बात कहते थे। उन्होंने कहा कि समाज की बुराइयों अगर जटिल है, उसका इलाज भी कठोरता से करना होगा। समाज में ठकराव की स्थिति को खत्म करना होगा। हम सब को सामाजिक बुराइयों से लड़ना होगा, तभी हम सशक्त हिंदुस्तान बना सकते हैं। सशक्त हिंदुस्तान सशक्त समाज के बिना नहीं बन सकता है। सिर्फ आर्थिक प्रगति से यह नहीं हो सकता है। सामाजिक अधिष्ठान पर ही सशक्त समाज बनता है। इसलिए हमारा यह कर्तव्य है कि हम सब मिल कर देश को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि आज विश्व का ध्यान इस बात पर जाता है कि भारत एक युवा देश है। उन्होंने कहा कि 65 प्रतिशत से अधिक आबादी जिस देश की आबादी युवा की हो, वह क्या नहीं कर सकता है। युवाओं को अवसर मिले यह हम सबकी जिम्मेवारी है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम टालने वाले नहीं समस्याओं से लड़ने वाले हैं। हमने वन रैंक, वन पेंशन लागू किया। हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फाइलों को खोला, जिसे पूर्व में टालने का काम किया। दुनिया के देशों को भी खोलने को कहा। भारत को यह जानने का हक है कि नेताजी की फाइलों में क्या है। उन्होंने कहा कि हमने रियल स्टेट बिल लाया, शॉप एक्ट में सुधार किया, ताकि मॉल की तरह दुकानें में भी खुली रहे और महिलाओं को रात में काम करने का मौका मिले।
प्रधानमंत्री ने कहा विविधता में एकता हमारी सबसे बड़ी विशेषता है। उन्होंने कहा कि जिस देश की सैकड़ों बोलियां हो, अनेकों पहनावा व संस्कृति हो, वह देश सदियों से एक रहा हो, तो इसका मतलब यह हमारी बड़ी ताकत है।
नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, उग्रवाद, माओवाद का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश उनके सामने कभी नहीं झुकेगा। उन्होंने उन कार्यों में लगे नौजवानों से लौट आने की अपील की और कहा कि हिंसा से कभी किसी का भला नहीं होता।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने सार्क देशों को बुलाया और कहा कि हमारी सबसे बड़ी चुनौती गरीबी है। इससे हम मिल कर लड़ें। उन्होंने कहा कि मानवता से पले-बढ़े लोग कैसे होते हैं और आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले लोग कैसे होते हैं। मैं विश्व के लोगों से कहता हूं कि जरा तराजू से तौल कर देखें। उन्होंने कहा कि पेशावर में निर्दोष स्कूली बच्चों को मार दिया गया था, विद्या के मंदिर को रक्तरंजित कर दिया गया था। भारत का संसद रो रहा था, हर स्कूल, हर भारतीय बच्चा रो रहा था। यही हमारी मानवता है। उन्होंने कहा कि अगर आतंकियों को ग्लोरीफाई करने का कार्य किया जायेगा, जब आतंकवादी मार जायेगा तो मातम मनाया जायेगा, यह क्या है।
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान, पीओके के लोगों ने जिस तरह मेरा आभार जताया है, मेरे प्रति सद्भावना जतायी है। उन्होंने कहा कि जिन्हें मैंने देखा नहीं, जिस धरती पर मैं नहीं गया, वहां के लोग मेरा अभिनंदन करते हैं, यह सवा सौ करोड़ भारतीयों का सम्मान है। मैं तहे दिल से पीओके के लोगों के प्रति आभार प्रकट करता हूं।
उन्होंने कहा कि हमारी आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का बड़ा योगदान है। 1857 से कोई ऐसी लड़ाई नहीं होगी, जिसमें उन्होंने भाग नहीं लिया हो। उन्होंने कहा कि हम ऐसे स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले आदिवासी नायकों के लिए राज्यों में म्यूजियम बनायेंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी उनके योगदान को जान सके। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों का पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ा कर 30 हजा रुपये करने का भी एलान किया।